Ayodhya Lok Sabha Candidate: भाजपा के लिए लोकसभा चुनावों को देखते हुए उत्तर प्रदेश काफी अहम होने जा रहा है। इस राज्य में बीजेपी ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में काफी बेहतर प्रदर्शन किया और पूर्ण बहुमत से लोकसभा चुनाव को पास किया। अब अपने कार्यकाल की हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रही मोदी सरकार जीत के लेकर काफी हद तक आश्वस्त है तो इसकी बड़ी वजह यूपी को लेकर उनका भरोसा है।
अयोध्या का महत्व बढ़ा
यह भी नहीं भूलना चाहिए जिस तरह से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ है उससे भाजपा को बैंक पॉजिटिव तरीके से प्रभावित हुआ है। भाजपा को अयोध्या में भी सीट जीतने की उम्मीद है। अयोध्या की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक मान्यता में राम मंदिर के चलते कई गुना की बढ़ोतरी हो चुकी है। इसका क्रेडिट जनता काफी हद तक मोदी सरकार को देना चाहेगी।
भाजपा का कैसे हो सकता है भाजपा से मुकाबला
लेकिन अयोध्या से एक ऐसे शख्स भाजपा को चुनौती दे सकते हैं जो पूर्व में बीजेपी का ही हिस्सा थे। ये हैं सच्चिदानंद पांडे सचिन, जिन्होंने 13 मार्च को ही बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि वे पार्टी में कार्यकर्ताओं को हो रही उपेक्षा से नाखुश थे। इतना ही नहीं, उन्होंने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है।
क्या कहा सच्चिदानंद ने
उन्होंने कहा कि भाजपा में घुटन महसूस हो रही थी। सबका विकास, सबका साथ जैसी बातें केवल जुमला है। पार्टी की विचारधारा अलग है और ना ही आदर्शवादी बातों को क्रियान्वित किया जाता है। पार्टी से पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक वर्ग खुश नहीं है। लोकसभा चुनाव में इसका नतीजा देखने के लिए मिलेगा।
मजे की बात है कि बसपा अयोध्या में सचिन को बतौर लोकसभा उम्मीदवार उतार सकती है। बसपा ने यूपी में बिना किसी गठबंधन के अकेले मैदान पर मोर्चा लड़ने की बात कही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट पर होने वाली भिड़ंत दिलचस्प होगी।