भारत आतंकवाद के मुद्दे पर हमेशा से तटस्थ रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंक का इस्तेमाल कर भारत को बातचीत की टेबल पर लाने की पाकिस्तान की रणनीति को भारत ने नाकाम कर दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा था। हमने उस नीति को अप्रासंगिक बना दिया है। विदेश मंत्री ने मोदी सरकार के तहत पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत के दृष्टिकोण और उसकी वैश्विक राजनयिक रणनीतियों पर प्रकाश डाला है।
एस. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत पाकिस्तान से डील के लिए तैयार है, लेकिन उन परिस्थितियों में नहीं जहां आतंकवाद को कूटनीति के लिए एक वैध उपकरण के रूप में देखा जाता है। भारत हमेशा से कहता आ रहा है कि पहले आतंकवाद खत्म करे पाकिस्तान फिर बातचीत आगे बढ़ेगी। पर, पाक इस मुद्दे पर हमेशा से चुप्पी साधी है।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘ऐसा मामला नहीं है कि हम किसी पड़ोसी के साथ डील नहीं करेंगे…लेकिन हम उन शर्तों के आधार पर ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगे जो उन्होंने निर्धारित की हैं और जहां आपको बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद के अभ्यास को वैध और प्रभावी माना जाता है।
गणतंत्र दिवस पर जो बाइडेन के मामले पर खुलासा
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की भारत नहीं आने पर, जयशंकर ने खुलासा किया कि यह यात्रा प्रस्तावित क्वाड शिखर सम्मेलन से जुड़ी थी और तारीखें सभी भागीदारों के साथ मेल नहीं खा रही थीं. उन्होंने बताया, “यह क्वाड शिखर सम्मेलन से जुड़ा था…हर बात पर सभी की सहमति नहीं बन सकी।