लोकसभा चुनाव के नीतजे सामने आए करीब दो हफ्ते हो चुके हैं। नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ले चुके हैं, लेकिन मोदी 3.0 में लोकसभा का स्पीकर कौन बनेगा इस बार को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है। बीजेपी औऱ टीडीपी में घमासान जारी है और इस वजह से मॉनसुन सत्र डिले होता जा रहा है।
एक बार ‘फिर से मोदी सरकार’ का नारा सच हो चुका है और एक बार फिर से केंद्र में मोदी सरकार का गठन हो चुका है। लगातार तीसरी बार शपथ लेकर पीएम मोदी ने जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है, लेकिन अब इंतज़ार हो रहा है अठाहरवीं लोकसभा के पहले सत्र यानि मॉनसून सत्र का जो कि लटकता जा रहा है। इसकी वजह है एनडीए सरकार, जो अब तक ये तय नहीं कर पाई है कि अठाहरवीं लोकसभा के स्पीकर पद पर किसे बिठाया जाए। एक तरफ सबसे ज्यादा बहुमत पाने वाली बीजेपी है जो चाहती है कि लोकसभा का स्पीकर उनकी पार्टी से हो, तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन में दूसरे नंबर पर रही चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी चाहती है कि स्पीकर उनकी पार्टी का होना चाहिए। इसी बात को लेकर पिछले हफ्ते भर से खींचतान जारी है। बैठकों का दौर चल रहा है लेकिन नतीजा कोई निकल कर सामने नहीं आ रहा है।
पिछली दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले पीएम मोदी इस बार बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रह गए हैं। इसी वजह से उनहे गठबंधन की बैसाखी लेकर चलना पड़ रहा है और सहयोगी दलों की हर बात माननी पड़ रही है। चुनावी नतीजे सामने आने के बाद से अब तक टीडीपी और जेडीयू, बीजेपी से अपनी हर बात मनवा चुके हैं, लेकिन लोकसभा के स्पीकर पद को लेकर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बीजेपी के दोनों प्रमुख घटक दल जेडीयू और टीडीपी ये चाहते हैं कि लोकसभा स्पीकर उनकी अपनी पार्टी से ही बने, जबकि बीजेपी की ओर से एक बार फिर ओम बिरला का नाम स्पीकर पद के लिए रेस में सबसे आगे चल रहा है। उनके अलावा दूसरा नाम दग्गुबती पुरंदेश्वरी का भी है। दग्गुबती पुरंदेश्वरी कोई और नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश में ही बीजेपी की प्रदेश अध्यक्षा हैं। दक्षिण भारत की राजनीति में दग्गुबती का अच्छा खासा दबदबा है और इनकी तुलना पूर्व रक्षा मंत्री सुषमा स्वराज से भी की जाती है।
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दरअसल, दग्गुबती पुरंदेश्वरी भले ही बीजेपी की फायर ब्रांन्ड नेता हैं, लेकिन उनका चंद्रबाबू नायडू से भी गहरा नाता है। दग्गुबती पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज अभिनेता रहे एनटीआर की दूसरी बेटी हैं और नायडू एनटीआर के दामाद हैं। इस हिसाब से पुरंदेश्वरी रिश्ते में नायडू की साली लगती हैं। इसलिए माना ये जा रहा है कि दग्गुबती पुरंदेश्वरी का नाम आगे करके बीजेपी ने एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है, जिसका तोड़ निकाल पाना नायडू के बस की बात नहीं है। फिलहाल अभी तक तो बीजेपी के इस माइंडगेम पर नायडू का रिएक्शन सामने नहीं आया है। इसी वजह से अब भी लोकसभा स्पीकर पद को लेकर संशय बना हुआ है। एक और खास बात ये है कि स्पीकर पद के लिए अड़े नंद्रबाबू नायडू बीजेपी औऱ पीएम मोदी को लेकर अभी तक काफी नरम रुख इख्तियार किए हुए हैं, जबकि उनका राजनीतिक मिज़ाज ऐसा बिलकुल नहीं है। उनके इस शांत स्वभाव के पीछे की वजह क्या है ये तो वही जानते हैं, लेकिन इतना तो ज़रूर तय है कि अगर नायडू बीजेपी के फैसले से संतुष्ट नहीं हुए तो कोई भी बड़ा कदम उठाने से हिचकिचाएंगे नहीं।