श्रेष्ठ उत्तर प्रदेश (Shresth UP) | Hindi News

Follow us

Follow us

Our sites:

|  Follow us on

29 यात्री, 8 साल बाद मिले वायुसेना विमान का मलबा


बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हुए भारतीय वायुसेना (IAF) के AN-32 (K-2743) मालवाहक विमान का मलबा प्राप्त हुआ है। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि 8 साल पहले 22 जुलाई 2016 को एक मिशन के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर से यह लापता हो गया था। यह विमान रूस में बना था। विमान में चालक दल के छह सदस्यों सहित कुल 29 लोग सवार थे। इस घटना के कुछ महीने बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी हुई थी। उसने निष्कर्ष दिया था कि वायुसेना के लापता विमान में सवार सभी लोगों को ‘मृत’ मान लिया जाए। सितंबर 2016 में भारतीय वायुसेना ने तलाश रोक दी थी।


गहरे समुद्र में ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (एयूवी) की मदद से एएन-32 विमान का मलबा बंगाल की खाड़ी में लगभग 3.4 किमी की गहराई पर स्थित किया गया है।
प्राप्त तस्वीरों की जांच करने पर पाया गया कि यह एक एएन-32 विमान के अनुरूप है। संभावित दुर्घटना स्थल पर यह खोज, उसी क्षेत्र में किसी अन्य लापता विमान की रिपोर्ट का कोई अन्य दर्ज इतिहास नहीं होने से, मलबे की ओर इशारा करता है जो संभवतः विमान का है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भी लापता एएन-32 का पता लगाने के लिए अपने एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट का उपयोग कर रहा था। बंगाल की खाड़ी के ऊपर एएन-32 के लापता होने के तुरंत बाद भारतीय नौसेना ने इसे खोजने के लिए अपने 2 निगरानी विमान, 4 जहाज और एक पनडुब्बी को तैनात किया था। भारतीय वायु सेना ने मलबे का पता लगाने के लिए बंगाल की खाड़ी में तीन विमानों को लगाया था। तीसरे दिन तक लगभग 20 भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाज और करीब 8 विमान बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान में शामिल किए गए थे। हालांकि, दिन बीतते गए और अभागे एएन-32 का कोई संकेत नहीं मिला। भारतीय वायु सेना ने मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क किया था। उसने अमेरिका से विमान को खोजने के लिए अपने उपग्रहों का इस्‍तेमाल करने का अनुरोध किया था।


विमान और जहाजों से जुड़े बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान लापता होने के बाद से किसी भी लापता कर्मी या विमान के मलबे का पता नहीं लगा सके। खोज के प्रयासों में सबसे ज्‍यादा निराशा करने वाली बात यह थी कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर गायब हुए एएन-32 में कोई अंडरवाटर लोकेटर बीकन स्थापित नहीं था। जब कोई विमान समुद्र में डूब जाता है तो ये बीकन रेडियो सिग्नल उत्सर्जित करते हैं। फिर सिग्नलों को पनडुब्बियों या जहाजों की मदद से पिक किया जाता है। इससे समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का पता लगाने में मदद मिलती है।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

PM Narendra Modi
श्रीनगर में इन तीनों परिवारों पर PM मोदी ने बोला हमला, कहा- वंशवाद की राजनीति…
IND vs BAN Ashwin-Jadeja helped India sail through in Chennai Test magic of these legendary players did not work
चेन्नई टेस्ट में अश्विन-जडेजा लगाई भारत की नैया पार, इन दिग्गज खिलाड़ियों का नहीं चला जादू 
Mathura Hostel owner and warden assaulted student police registered case
मथुरा: हॉस्टल मालिक और वॉर्डन ने छात्रा के साथ की मारपीट, पुलिस ने दर्ज किया मामला
Himesh Reshammiya Father Death
नहीं रहे मशहूर सिंगर हिमेश रेशमिया के पिता, 87 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
Flipkart Big Billion Day Sale Best Smartphone Deals
Flipkart सेल में Poco F6 समेत ये धांसू फोन मिलेंगे आधी कीमत पर, जल्दी डील करें सील
CM Yogi Adityanath | Ayodhya | Samajwadi Party | Shresth uttar Pradesh |
'जैसे कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं हो सकती, वैसे ही सपा के दरिंदे...', अयोध्या में गरजे सीएम योगी